घरेलू बाजारों में भारी गिरावट की स्थिति, निवेशकों के 6.5 लाख करोड़ साफ

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

मुंबई : अडाणी समूह की कंपनियों और बैंक एवं वित्तीय शेयरों में भारी बिकवाली के साथ विदेशी निवेशकों की निकासी जारी रहने से शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में जोरदार गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 874 अंक लुढ़क गया। बीएसई का तीस शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 874.16 अंक यानी 1.45 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 59,330.90 अंक पर बंद हुआ। यह एक महीने से भी अधिक समय का सबसे निचला स्तर है।

कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 1,230.36 अंक तक गिरकर 58,974.70 अंक पर भी आ गया था। इसी तरह एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी 287.60 अंक यानी 1.61 प्रतिशत गिरावट के साथ 17,604.35 अंक पर खिसक गया। यह गत 23 दिसंबर के बाद निफ्टी की एक दिन में दर्ज सबसे बड़ी गिरावट है।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा। बाजार में जारी तगड़ी बिकवाली के बीच टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर बढ़त लेने में सफल रहे। कई तिमाहियों के बाद मुनाफे की स्थिति में लौटी टाटा मोटर्स के शेयरों में सर्वाधिक 6.34 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। आईटीसी और अल्ट्राटेक सीमेंट ने भी बढ़त ली।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “एशिया के सबसे धनी उद्यमी की कंपनियों के बारे में एक प्रतिकूल शोध रिपोर्ट आने से भारतीय बाजार में तेज गिरावट आई। इस समूह को कर्ज देने वाले बैंकों पर जोखिम बढ़ने से बैंकिंग शेयरों पर भी असर देखा जा रहा है। निजी बैंकों की तुलना में सार्वजनिक बैंकों पर इसकी मार अधिक पड़ी।” नायर ने कहा कि आम बजट के पहले और आसन्न फेडरल रिजर्व बैठक के पहले विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के सजग रुख अपनाने से भी घरेलू बाजारों में भारी गिरावट की स्थिति बनी।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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